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Q. जब एक वायुयान लूप बना रहा होता है तो गिरता नहीं है क्युकी उसका वजन आवश्यक प्रदान करता है –

  • (A) श्यान बल
  • (B) अभिकेन्द्री बल
  • (C) अपकेंद्री बल
  • (D) गुरुत्व के विपरीत बल

Explanation by: Admin

जब एक वायुयान लूप (Loop) बनाता है, तो वह वृत्तीय गति करता है। इस दौरान, वायुयान पर कई बल कार्य करते हैं, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण अभिकेन्द्री बल (Centripetal Force) होता है।

कैसे काम करता है अभिकेन्द्री बल?

  1. जब वायुयान एक वृत्तीय पथ में उड़ता है, तो उसे केंद्र की ओर खींचने के लिए एक बल की आवश्यकता होती है।
  2. यह बल अभिकेन्द्री बल कहलाता है, जो उसे लूप के भीतर बनाए रखता है और गिरने से रोकता है।
  3. इस बल की आपूर्ति या तो वायुयान के पंखों द्वारा उत्पन्न लिफ्ट (Lift) से होती है या फिर वायु का दबाव और गति इसे बनाए रखते हैं।

अन्य विकल्प गलत क्यों हैं?

(A) श्यान बल (Viscous Force):

  • यह तरल या गैस में गति के दौरान होने वाला प्रतिरोधी बल है, लेकिन लूप बनाने में इसकी कोई विशेष भूमिका नहीं होती।

(C) अपकेंद्री बल (Centrifugal Force):

  • यह केवल एक आभासी बल (Pseudo Force) है, जो वस्तु को बाहर की ओर धकेलता हुआ प्रतीत होता है, लेकिन वास्तव में लूप बनाए रखने के लिए आवश्यक बल अभिकेन्द्री बल ही होता है।

(D) गुरुत्व के विपरीत बल:

  • यह लिफ्ट बल हो सकता है, लेकिन वायुयान को वृत्तीय पथ में बनाए रखने के लिए मुख्य रूप से अभिकेन्द्री बल जिम्मेदार होता है।

इसलिए, सही उत्तर है:

(B) अभिकेन्द्री बल (Centripetal Force)

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