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Q. सूर्य से प्रकाश का आन्तरिक परावर्तन हो सकता है यदि प्रकाश ?

  • (A) जल से कांच में जाए
  • (B) कांच से वायु में जाए
  • (C) वायु से कांच में जाए
  • (D) वायु से जल में जाय

Explanation by: Admin
पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection, TIR) तभी संभव होता है जब:

1. प्रकाश अधिक अपवर्तनांक (Higher Refractive Index, n) वाले माध्यम से कम अपवर्तनांक (Lower Refractive Index, n) वाले माध्यम में जाए।


2. आपतन कोण (Angle of Incidence) क्रांतिक कोण (Critical Angle) से अधिक हो।



विकल्पों का विश्लेषण:

(A) जल से कांच में जाए:

पानी (n ≈ 1.33) से कांच (n ≈ 1.5) जाने पर प्रकाश गति घटाता है और अपवर्तित होता है, लेकिन पूर्ण आंतरिक परावर्तन नहीं होता।


(B) कांच से वायु में जाए:

कांच (n ≈ 1.5) से वायु (n ≈ 1.0) जाने पर, यदि आपतन कोण क्रांतिक कोण से अधिक है, तो पूर्ण आंतरिक परावर्तन होगा।

यही कारण है कि हीरे (Diamond) बहुत चमकते हैं क्योंकि उनका अपवर्तनांक बहुत अधिक (~2.42) होता है, जिससे अधिक पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है।


(C) वायु से कांच में जाए:

वायु (n ≈ 1.0) से कांच (n ≈ 1.5) जाने पर प्रकाश धीमा होता है और अपवर्तित होता है, लेकिन पूर्ण आंतरिक परावर्तन नहीं होता।


(D) वायु से जल में जाए:

वायु (n ≈ 1.0) से पानी (n ≈ 1.33) जाने पर प्रकाश अपवर्तित होता है, लेकिन पूर्ण आंतरिक परावर्तन नहीं होता।



निष्कर्ष:

सूर्य से आने वाला प्रकाश तभी पूर्ण आंतरिक परावर्तन कर सकता है जब वह कांच से वायु में जाए और आपतन कोण क्रांतिक कोण से अधिक हो।

✅ सही उत्तर: (B) कांच से वायु में जाए।

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