जब घड़ी की चाबी भरी जाती है, तो उसमें स्प्रिंग (Spring) कस जाती है। यह स्प्रिंग ऊर्जा को एकत्रित (Store) करती है, जो धीरे-धीरे घड़ी की सुइयों को घुमाने के लिए उपयोग होती है।
यह किस प्रकार की ऊर्जा है?
1. स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy):
जब स्प्रिंग को दबाया या खींचा जाता है, तो उसमें स्थितिज ऊर्जा संचित होती है।
यह ऊर्जा तब मुक्त होती है जब स्प्रिंग वापस अपनी मूल अवस्था में आती है।
2. गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy):
जब स्प्रिंग अपनी ऊर्जा छोड़ती है, तो यह घड़ी की सुइयों को घुमाती है।
उस समय यह गतिज ऊर्जा में बदल जाती है।
निष्कर्ष:
चाबी भरते समय ऊर्जा स्प्रिंग में संचित होती है, जो स्थितिज ऊर्जा होती है।
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