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Q. महाराजा रणजीत सिंह के उत्तराधिकारी थे

  • (A) हरि सिंह नलवा
  • (B) खड़क सिंह
  • (C) शेर सिंह
  • (D) नौनिहाल सिंह

Explanation by: Admin

महाराजा रणजीत सिंह (1780-1839) की मृत्यु के बाद उनके सबसे बड़े पुत्र खड़क सिंह उनके उत्तराधिकारी बने।

खड़क सिंह (1839-1840)

  • महाराजा रणजीत सिंह का शासनकाल 1839 में समाप्त हुआ, और उनके निधन के बाद 1 जुलाई 1839 को खड़क सिंह को नया महाराजा घोषित किया गया।
  • हालांकि, वे एक कमजोर शासक साबित हुए और उनकी सत्ता पर नियंत्रण बहुत कम था।
  • उनकी शासन अवधि के दौरान उनके प्रधानमंत्री धियां सिंह का प्रभाव अधिक था।
  • अंततः उन्हें सत्ता से हटा दिया गया और नवंबर 1840 में उनकी मृत्यु हो गई।

अन्य विकल्पों पर स्पष्टीकरण

  • हरि सिंह नलवा (A) – वे महाराजा रणजीत सिंह के सेनापति और पंजाब के एक महान योद्धा थे, लेकिन वे उनके उत्तराधिकारी नहीं थे।
  • शेर सिंह (C) – खड़क सिंह के बाद उनके पुत्र नौनिहाल सिंह थोड़े समय के लिए सत्ता में आए, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद 1841 में शेर सिंह महाराजा बने।
  • नौनिहाल सिंह (D) – वे खड़क सिंह के पुत्र थे और रणजीत सिंह के पोते। वे अपने पिता के बाद उत्तराधिकारी बने, लेकिन एक रहस्यमय दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई।

इस प्रकार, महाराजा रणजीत सिंह के सीधे उत्तराधिकारी खड़क सिंह थे।

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