A

Admin • 737.57K Points
Coach

Q. 1878 का वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट किसने रद्द किया ?

  • (A) लार्ड रिपन
  • (B) लार्ड लिटन
  • (C) लार्ड कर्जन
  • (D) लार्ड मिण्टो

Explanation by: Admin

वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट, 1878 को लॉर्ड लिटन ने लागू किया था।
इस कानून का उद्देश्य भारतीय भाषाओं में छपने वाले समाचार पत्रों (vernacular papers) की सेंसरशिप करना और ब्रिटिश सरकार की आलोचना पर रोक लगाना था।

यह एक्ट भारतीय जनता में बेहद अलोकप्रिय हुआ और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला माना गया।

जब लॉर्ड रिपन (Lord Ripon) 1880 में भारत के वायसराय बने, तो उन्होंने इस कानून को अत्यंत दमनकारी और अनुचित मानते हुए
1882 में वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट को रद्द (Repeal) कर दिया।

लॉर्ड रिपन को भारत में "स्वराज का अग्रदूत" (Pioneer of Local Self Government) भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने प्रेस स्वतंत्रता, स्थानीय स्वशासन, और शिक्षा सुधार जैसे अनेक जन-हितकारी कार्य किए।

अन्य विकल्प क्यों गलत हैं:

(B) लॉर्ड लिटन:
इन्हीं के शासनकाल में 1878 का वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट लागू किया गया था। इसलिए यह रद्द करने वाले नहीं थे।

(C) लॉर्ड कर्जन:
इनका कार्यकाल 1899–1905 का था। ये बंग-भंग (1905) के लिए अधिक प्रसिद्ध हैं, न कि प्रेस एक्ट के लिए।

(D) लॉर्ड मिण्टो:
इनका कार्यकाल 1905–1910 का था। इन्होंने मॉर्ले-मिण्टो सुधार (1909) लागू किया, लेकिन प्रेस एक्ट से इनका संबंध नहीं था।

निष्कर्ष:

1878 का वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट लॉर्ड रिपन ने 1882 में रद्द किया था।

You must be Logged in to update hint/solution

Discusssion

Login to discuss.

Be the first to start discuss.